आइए सबसे पहले जानते हैं कि अवसाद (Depression) होता क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक डिप्रेशन एक आम बीमारी है। डिप्रेशन आमतौर पर मूड में होने वाले उतार-चढ़ाव और कम समय के लिए होने वाले भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से अलग है। लगातार दुखी रहना और किसी भी चीज में रुचि ना होना इसके लक्षण है।
आम तौर पर देखा जाए तो 100 में से 90 लोग आजकल अब शायद डिप्रेशन के शिकार हैं बस फर्क सिर्फ इतना है कि यह उनकी सिचुएशन के आधार पर कम या ज्यादा हो सकता है।
आज की इस भागदौड़ की दुनिया में मनुष्य अपने आपको कहीं खोता जा रहा है क्योंकि उसके कारण मनुष्य का खानपान और उसकी दिनचर्या पूरी तरह से बदल रही है जिसकी वजह से वह ना चाहते हुए डिप्रेशन का शिकार हो रहा है।
फिर चाहे वह कार्य का प्रेशर हो या पारिवारिक कोई भी प्रेशर या पैसे से संबंधित प्रेशर हो।
इन सबके अलावा और भी बहुत कारण हो सकते हैं डिप्रेशन के, उनके बारे में आइए हम जानते हैं
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Family History- फैमिली हिस्ट्री के अंतर्गत यदि आपके माता या पिता किसी को डिप्रेशन की समस्या है तो उसका नकारात्मक प्रभाव उनके द्वारा पालन कर रहे बच्चे पर भी होगा क्योंकि तनावयुक्त माहौल में बच्चे के दिमाग पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसका विकास बुरी तरह से प्रभावित होता है!
Gender- अब आप यह सोचेंगे कि जेंडर कैसे डिप्रेशन का कारण हो सकता है तो हम आपको बता दें कि जेंडर भी एक बहुत बड़ा कारण है डिप्रेशन का क्योंकि मेल और फीमेल दो ऐसे शब्द हैं जिनके दायरे और रुचियां आदि हमारे समाज ने पहले से ही निर्धारित कर रखे हैं जिसके कारण उन सबका असर मेल और फीमेल दोनों के जीवन पर पड़ता है क्योंकि चाहते हुए भी कुछ कार्य वो उस दायरे से बाहर निकलकर नहीं कर पाते जिसकी वजह से वे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इस श्रेणी मैं ज्यादातर फीमेल्स आती है।
Trauma(सदमा)- हमारे आस पास बहुत सारी ऐसी घटनाएं होती है जिनकी वजह से हम पर असर पड़ता है।परंतु यदि कोई घटना हमारे खुद के साथ हो जाए तो हम Trauma के शिकार हो सकते हैं जैसे-
Medical Condition- कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जिनकी वजह से डिप्रेशन होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है
जैसे:-
Drug Use- ड्रग से यहां मतलब किसी मेडिसन से नहीं बल्कि यहां नशा करना और नशे की दवाइयां लेना तथा अल्कोहल का सेवन अधिक करना आदि से है।
जिस व्यक्ति को ड्रग्स और अल्कोहल की लत लग जाती है वह उसके लिए डिप्रेशन का कारण बन जाती है जिससे हमें कई शारीरिक और मानसिक और साथ ही साथ पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अतः हमने यहां डिप्रेशन के प्रमुख कारणों का वर्णन किया है तो अब जानते हैं कि इनके लक्षण क्या-क्या है। कैसे हम पहचाने कि हम डिप्रेशन का शिकार तो नहीं हो रहे।
डिप्रेशन के बहुत सारे लक्षण होते हैं जिन्हें हम आसानी से पहचान सकते हैं और समय रहते हैं उन पर ध्यान दे सकते हैं ताकि वे आगे जाकर किसी गंभीर बीमारी का रूप ना लें। जी हां डिप्रेशन यदि लंबे समय तक रहता है तो वह आगे जाकर गंभीर बीमारियों का रूप ले लेता है जैसे:-
यह सभी ऐसी बीमारियां हैं जो आपके लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं यदि आप इनका शिकार होने से बचना चाहते हैं तो जरूरी है कि समय रहते डिप्रेशन को पहचान कर उसका उपचार करें।
Mood( मूड से संबंधित)- सबसे पहला यह लक्षण होता है कि हमारे मूड में बदलाव होते हैं जैसे:-
a)-चिड़चिड़ापन
b)-चिंता
c)-मूड में एकदम बदलाव
d)-अधिक गुस्सा आना आदि।
Loneliness- इसमें मनुष्य को अकेले रहने का मन करने लगता है वह किसी की कंपनी पसंद नहीं करता है।
Loss of appetite ( भूख में कमी)- जब मनुष्य डिप्रेशन का शिकार होता है तो धीरे धीरे उसकी भूख भी कम होने लगती है। इसका मुख्य कारण नकारात्मक सोच का हावी होना है।
Behavioral Symptoms- व्यक्ति के व्यवहार में आए बदलाव इसके अंतर्गत आते हैं जैसे:-
Sexual Related-डिप्रेशन के शिकार मनुष्य की यौनेच्छा में धीरे-धीरे कमी आ जाती है तथा पुरुषों में शीघ्रपतन की समस्या होनी शुरू हो जाती है।
Cognitive Symptoms- डिप्रेशन के कारण मनुष्य का दिमाग उसके कंट्रोल से बाहर हो जाता है जिससे वह किसी भी कार्य में अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है और यदि उससे कोई सवाल पूछा जाए तो उसका जवाब एकदम नहीं दे पाता है।
Sleep Related Symptoms- ऐसे व्यक्तियों को या तो नींद बहुत कम आती है या फिर हमेशा वह नींद में ही रहते हैं और नकारात्मक सोच उनके दिमाग में लगातार चलती ही रहती हैं।
अब तक हमने बात कि की डिप्रेशन क्या है उसके कारण और लक्षण क्या होते हैं चलिए अब हम बात करते हैं कि हम डिप्रेशन का कैसे उपचार कर सकते हैं।
Medication- डिप्रेशन को हम दवाइयों के माध्यम से कंट्रोल कर सकते हैं एंटी डिप्रेशन टेबलेट के द्वारा हम मरीज के दिमाग को और उसके मूड को कंट्रोल कर सकते हैं। इन दवाइयों का कोर्स मरीज को पूरा करना चाहिए जब तक उसका साइकैटरिस्ट उसको बंद ना करें क्योंकि इन दवाइयों को धीरे-धीरे डोज कम करके बंद किया जाता है।
Psychotherapy- मरीज को talk थेरेपी के द्वारा भी treat किया जाता है क्योंकि यदि डिप्रेशन लेवल ज्यादा है तो मरीज को दवाइयों के साथ-साथ साइको थेरेपी या टॉक थेरेपी दी जाती है उसके अंतर्गत कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी सबसे ज्यादा असरदार होती है क्योंकि मरीज से बात करके उसकी बैड मेमोरीज को कम करने की कोशिश की जाती है। इसके अलावा फैमिली थेरेपी और कपल थेरेपी का यूज भी किया जाता है जिससे मरीज के बारे में पूरी तरह जानकर उनको उसी तरह से ट्रीट किया जाता है साइको थेरेपी के द्वारा मरीज अपने आप आपको full fill feel करने लग जाता है तथा वह धीरे-धीरे पॉजिटिव एटीट्यूड को अपनाने लगता है जिससे वह जल्दी उस सिचुएशन से बाहर निकल सकता है।
Meditation and yoga- अब बात करते हैं सबसे महत्व पूर्ण thing के बारे में योगा और मेडिटेशन। यह दोनों ऐसे घटक है जो किसी भी तरह के डिप्रेशन से मरीज को धीरे-धीरे हील करके उन्हें पूरी तरह स्वस्थ कर सकते हैं।
Yoga- आप सोचेंगे कि योगा कैसे डिप्रेशन को दूर कर सकता है तो चलिए बात करते हैं कि योगा कैसे हील करता है आपको,
आज के समय में इतनी हेक्टिक लाइफ में यदि कोई व्यक्ति अपनी केयर करने के लिए 30 मिनट अपने लिए निकालकर योगा और मेडिटेशन करता है तो उसको कभी डिप्रेशन हो ही नहीं सकता है।
परंतु यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता है तो वे डिप्रेशन का शिकार जल्दी होते हैं और उस डिप्रेशन को दूर करने के लिए हम दवाइयां थेरेपी के अलावा योगा और मेडिटेशन के द्वारा उसको बहुत जल्दी ठीक कर सकते हैं
आप देखते हैं कि जब आपको डिप्रेशन होता है तो सबसे पहले आपका शरीर अकड़ना शुरू हो जाता है आपको ऐसा महसूस होता है जैसे आप बहुत ज्यादा थकान में हैं क्योंकि डिप्रेशन या स्ट्रेस आपके नर्वस सिस्टम को जकड़ लेता है इसलिए सबसे पहले आपको उन सिम्टम्स को दूर करना होता है जो कि योगा के माध्यम से हम आसानी से कर सकते हैं। जब आप किसी नशे की लत को छोड़ना चाहते हैं तो बॉडी आपको संकेत देती है जैसे-Body pain,Stiffness or Shivering
तो ऐसी कंडीशन में आपको योगा बहुत मदद करता है ताकि आप उन सभी symptoms से लड़ पाए।
Meditation- मेडिटेशन एक बहुत पावरफुल टेक्निक है आपके दिमाग को शांत करने के लिए जब भी आप दवाई या थेरेपी शुरू करते हैं तो सबसे पहले जरूरी है कि आपका दिमाग शांत हो इसलिए मेडिटेशन के साथ आप अपने दिमाग को शांत कर पाएंगे।
मेडिटेशन कई प्रकार के होते हैं लेकिन शुरुआत में हम Breating Technique,Chanting(मंन्त्र) और Vipassana Meditation के द्वारा ही मरीज को हील करते हैं ताकि धीरे-धीरे उसका दिमाग पॉजिटिविटी और हैप्पीनेस की तरफ जाए और वह जल्दी अपने आप को हील कर पाए।
Personal Care & Healthy Diet- जब आप किसी बीमारी से ग्रसित होते हैं तो आपकी खुद की देखभाल और आपका खान-पान बहुत ज्यादा प्रभाव डालता है इसलिए जब आप डिप्रेशन का इलाज कर रहे होते हैं तो जरूरी है कि आप हेल्दी डाइट लें जैसे-
Fruits,Vegetable,Dry Fruits,Protein & Omega-3,Rich food आदि। ताकि यह सब जल्दी आपको हील करें। साथ ही साथ आपको स्वयं की देखभाल भी करनी होती है।जैसेः-
यदि आप इन सब चीजों का ध्यान रखते हैं तो आप जल्दी अपने आप में बदलाव देख पाएंगे।
नोट- अतः डिप्रेशन बहुत ही कॉमन बीमारी है परंतु यदि समय पर इसको नहीं पहचाना जाए तो यह घातक रूप ले सकती है इसलिए समय पर ही इसको पहचान लें और दवाई,थेरेपी,योगा, मेडिटेशन और खान पान के माध्यम से आप इसको जड़ से खत्म कर सकते हैं।
“Take Care of your body”
Its your only forever
‘Mark my words’
“Thank You”
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