शिशुओं के लिए स्वस्थ आहार – Healthy Diet For Babies

आज की इस भागदौड़ वाली जिंदगी में हम हेल्थी शब्द से थोड़ा दूर होते जा रहे हैं अब इसे समय का अभाव समझे या फिर हमारी लापरवाही हेल्थी डाइट वैसे तो हर ऐज ग्रुप के लिए आवश्यक है परंतु हम बात करेंगे कि बच्चों के लिए हेल्दी डाइट क्यों आवश्यक है

Infancy Period (शैशव काल)

(0-2 Years Old)– 0-2 साल में बच्चे की बॉडी में बहुत सारे बदलाव और विकास होता है क्योंकि इस ऐज को नींव भी कह सकते हैं क्योंकि इसी पर बच्चे की आगे की उम्र का विकास टिका होता है

तो आइए बात करते हैं कि इस ऐज ग्रुप में बच्चों को किन-किन न्यूट्रिशन की आवश्यकता होती है

0-6 महीना – इस एज ग्रुप के बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही दिया जाना चाहिए क्योंकि मां के दूध में वह सारे न्यूट्रेंस मौजूद होते हैं जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं।

4 महीने पूरे हो जाने के बाद हमें पांचवे महीने से बच्चे को थोड़ा-थोड़ा दाल का पानी इंट्रोड्यूस कराना शुरू कर देना चाहिए ताकि धीरे-धीरे को और टेस्ट की आदत होना शुरू हो सके और मूंग दाल का पानी ही बच्चे को शुरू में देना चाहिए क्योंकि यह पचने में आसान होता है।

मात्रा-शुरुआत में एक दो चम्मच ही पिलाना चाहिए फिर धीरे धीरे थोड़ा बढ़ा सकते हैं इससे बच्चे को प्रोटीन की मात्रा भी मिलेगी जो उसके विकास के लिए भी अति आवश्यक है।

Healthy Foods for Children
Healthy Foods for Children

6 महीने से 2 साल के बच्चे- अब हम बात करते हैं 6 महीने से 2 साल तक के बच्चे के डाइट के बारे में:-

  • जब बच्चा 6 महीने का पूरा हो जाता है तो उसे बहुत से लोग Cerelac देना शुरू कर देते हैं जो कि एक अच्छा ऑप्शन है बच्चों को नये फूड इंट्रोड्यूस कराने का क्योंकि Cerelac में वह सभी इनग्रेडिएंट मौजूद होते हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
  • इसके अलावा हम बच्चों को उबले आलू उबली शकरकंदी मैस करके खिला सकते हैं। आलू रिच ऑफ विटामिन C है जो बच्चों की इम्युनिटी के लिए अच्छा होता है और शकरकंदी रिच ऑफ विटामिन A होती है जो बच्चे की आंखों के लिए और साथ ही साथ इम्यून सिस्टम के लिए भी अच्छी होती है।
  • इसके अलावा फल भी बच्चों को मैस करके देने चाहिए जैसे केला,सेब इन दोनों फलों को अच्छे से मैस करके आप बच्चे को थोड़ी थोड़ी मात्रा में खिलाना शुरू करें ताकि उसको इन से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व का लाभ मिल सके।
  • दाल ,चावल का पानी या चावल मैस करके भी बच्चों को देने चाहिए।
  • 1 साल के बच्चे के दांत पूरी तरह से आ जाते हैं जिससे वे चबाने वाली चीजें भी आसानी से खा सकते हैं।
  • अतः 1-2 साल तक के बच्चों को धीरे-धीरे सभी चीजें खिलानी शुरू कर देनी चाहिए इस उम्र में बच्चे का विकास तेजी से होता है इसलिए उसे हेल्दी डाइट की आवश्यकता होती है एक 2 साल के बच्चे रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े खाने में सक्षम हो जाते हैं इसलिए उनको रोटी सब्जी (सभी हरी सब्जियां), सारे फल धीरे-धीरे खिलाने शुरू करने चाहिए।

नोट- बहुत से लोग बच्चों को 2 साल तक सिर्फ दूध ही देते हैं उसके कई कारण भी हो सकते हैं जैसे बच्चा जब दूध पीने का आदी होता है तो वह जल्दी से दूसरी चीजें नहीं खाता परंतु इस स्थिति में हमारा फर्ज है कि हम 6 महीने के बाद से बच्चे को दूध के अलावा थोड़ी और चीजें भी खिलाएं क्योंकि बहुत सारे आवश्यक तत्व जो शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं वह दूध से प्राप्त नहीं होते।

1 साल से ऊपर का बच्चा यदि सिर्फ दूध पर निर्भर रहता है तो उसका विकास अच्छे से नहीं हो पाता और यहां तक कि दूध से प्राप्त कैल्शियम अधिक मात्रा में लेने के कारण उसके शरीर के अंगों में जमना शुरू हो जाता है और जिससे कई प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए जरूरी है बच्चे को फल,सब्जियां,अनाज आदि सभी चीजों से अवगत कराएं।

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